Dr.R.B.Dhawan
1. नज़र लगना :-
नज़र लगना होता क्या है, और यह लगती कैसे है ? अक्सर यह प्रश्न हरेक के मन में कभी-न-कभी आता ही है :-
इस प्रश्न के उत्तर के लिये अधिक मेहनत नही करनी पडेगी बस थोड़ा इधर-उधर के उदाहरण देखने पढेंगे। आपने दुआ और बद्दुआ के बारे में तो सुना ही होगा, हो सकता है, इनमें से किसी एक के प्रभाव को भी परखने का मौका मिला हो। जब कोई बेसहारा मजबूर व्यक्ति किसी मुसीबत में अचानक आ फंसता है तो, उसे जानने वाले शुभचिंतक अपने ईश्वर से दुआ मांगते हैं- हे ईश्वर इस वेचारे मजबूर की मदद् करो। इसी प्रकार की दुआ जब बहुत से व्यक्ति या कोई एक-दो लोग सच्चे मन से करते हैं तब उस दुआ का असर अवश्य दिखाई देता है। इसी प्रकार जब किसी के जुल्म बहुत बढ़ जाते हैं तो उसे बद्दुआ ले ढूबती हैं। कोई दुआ या बद्दुआ यदि सच्चे ह्रदय से दी जाती है तो वह बेअसर नहीं जाती। इसी प्रकार जब कोई अपना ही हमारी कामयाबी देखकर ईर्ष्या करता है, और मन-ही-मन बद्दुआ या बुरी कामना एकाग्र होकर करता है, उसका प्रभाव भी तुरंत होता है। जिससे बना-बनाया कार्य बिगढ़ने लगता है, या आगे उसमें बिना कारण रूकावटें पैदा होने लगती हैं या सम्बंधित व्यक्ति सहयोग करना बंद कर देते हैं, इसे कहते हैं- नज़र लगना। दरअसल नज़र लगाना उन व्यक्तियों के द्वारा होता है जिनकी इच्छाशक्ति तो बहुत प्रबल होती है, परंतु वे अपनी इस नेगिटिव (एनर्जी) या नकारात्मक पावर का दुरूपयोग अधिक करते फिरते हैं। इस प्रकार के नकारात्मक प्रभाव कभी-कभी बहुत दुःखदाई बन जाते हैं। एेसे प्रभाव को देखकर यह तो समझ आ जाता है की यह नज़र लगी है। परन्तु कभी-कभी नज़र हटाने के उपाय करते-करते इंसान थक जाता है, वे दुष्ट बार-बार अपने काले मन से करतूत करता ही चला जाता है। इस नज़र दोष को दूर करने तथा कभी एेसी बुरी नजर का प्रभाव ही न हो, इसके लिये गुरूजी (शुक्राचार्य जी) ने मंत्र सिद्ध रक्षा कवच का निर्माण किया है, यह रक्षाकवच अपने कार्य में बेजोड़ है, इस कवच को जहां यह समस्या हो वहां रख देने मात्र से यह अपना कार्य बखूबी आरम्भ कर देता है। यदि आप में किसी को इस कवच की आवश्यकता हो तो शुक्राचार्य कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं।
2. पति की जुआ शराब की आदत छुडायें-
यदि किसी महिला ने पति के जुआ शराब की आदत छुड़ानी हो तो, नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा उपासना करके पति की गंदी आदतों को छुड़ाने की देवी से प्रार्थना करें और एक लवंग माता के चरणों से छुआ लें, यह लौंग भोजन में खिलायें, यह भोजन स्वयं भी खा सकते हैं। यह टोटका नवरात्रों के सभी 9 दिन करना है।
3. सम्पत्ति में वृद्धि के लिये –
अगर आप समझते हैं कि आपकी पैतृक संपत्ति में वृद्धि नहीं हो रही, बल्कि कटौती हो रही है, तो इस उपाय को करें- किसी भी बृहस्पति वार के दिन बाजार से जलकुम्भी ले आयें। इसे पीले कपड़े में बांधकर घर में कहीं पर लटका दें, (इसको बार-बार छूना नहीं) एक सप्ताह के बाद उसको बदलकर नई कुंम्भी बाध दें। इस टोटके को सात बृहस्पति वार दोहरायें।
4. पति-पत्नी में झगड़ा :-
रात में सोते समय पति अपने सिरहाने एक पुडिया मे थोड़ा सिंदूर रखे, तथा पत्नी कपूर रखे। सुबह उठकर पत्नी कपूर को जला दे, तथा पति सिंदूर घर के किसी कोने में गिरा दे, यह टोटका घर में लडाई-झगड़ा समाप्त करता है, और सुख-शान्ति रहती है।
5. जिद्दी बच्चा जब कहना न मानता हो-
घर में बच्चा जब कहना न मानता हो, और बहुत जिद्दी हो गया हो तब दुकान से 100 ग्राम खस-खस ले आवें, उस खस-खस को 24 दिन तक गायत्री मंत्र से नित्य एक माला जप करके अभिमंत्रित कर लें या किसी विद्वान से करवा लें, अब वह खस-खस 24 दिन तक सब्जी में छोंक कर उसे खिलायें। यह सब्जी घर के सभी लोग भी खा सकते हैं, इस प्रयोग से बालक का जिद्दीपन धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा। कभी-कभी यह प्रयोग दो बार भी करना पड़ता है, अतः एक बार में पूरा असर न होने पर यह प्रयोग दोहरा लें।
– – – गुरूजी के टोटके, पृष्ठ 162 – – –
गुरूजी के टोटके, गुरूजी की इस पुस्तक में लगभग 1500 टोटके दिये गये हैं। इस के अतिरिक्त गुरूजी की 10 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं —
- गुरूजी के टोटके
- गुरूजी की साधनाएँ
- वास्तु सूत्र
- कैसे बदलें भाग्य
- दुर्लभ समृद्धि प्रदायक वस्तुयें
- लाल किताब योग एवं उपाय
- भृगु संहिता
- ज्योतिष के योग एवं फलादेश
- रोग एवं ज्योतिष
- विवाह एवं दाम्पत्य सुख
यह सभी पुस्तकें www.shukracharya.com से आनलाईन मंगवा सकते हैं-