जन्म कुंडली में छठा स्थान शत्रु, शत्रुता, रुकावटें, विफलता, कर्ज तथा रोग-बंधन का सूचक होता है, इसीलिए जिस ग्रह की महादशा हो, उस ग्रह से अंतर्दशा का ग्रह यदि छठे स्थान में स्थित होता है तो, वह अंतरदशा यह सब फल प्रकट करती है, उस समय जातक/जातिका को अपने पद से गिरने का भी भय रहता है। ऐसे समय में उस के परम मित्र, सम्बन्धी, सहयोगी और परम स्नेही भी उसके शत्रु बन जाते हैं, शत्रुता जैसा व्यवहार करने लग जाते हैं।