टोटके – 11

मेरी पहली पुस्तक “गुरूजी के टोटके”

Dr.R.B.Dhawan

जब मैंने पहली पुस्तक लिखी- “गुरूजी के टोटके” (यह मेरी पहली पुस्तक थी) जो मैंने 2005 में लिखी थी। इस पुस्तक के लिये मैने लेख “छोटे-छोटे कामयाब टोटके इक्ट्ठे करने थे, परंतु इसके लिये मुझे तलाश थी कम से कम 60 से 100 वर्ष पुरानें हिन्दी के पंचांगों की। मुझे पूरा यकीन था एैसे लेख “टोटके” पुराने पंचांगों में बेहतरीन मिल सकते हैं, परंतु इतने पुराने जमाने के पंचांग मिलेंगे कहां ? एक दिन अचानक मुझे एक कबाड़ी के गोदाम की ओर देखने से कुछ बहुत पुराने परंतु जिल्दों में सहेजे हुये पुराने पंचांगों के बहुत सारे अंक मिल गये। बस मन की इच्छा जैसे पूर्ण हो गई, कबाड़ी वाले ने बाद में बताया की एक विद्वान बुजुर्ग ब्राह्मण की मृत्यु के बाद उसकी पूरी लायब्रेरी को वह कबाड़ी खरीद लाया था। बस मेरे लिये तो वह एक खजाना साबित हुआ। एक वर्ष की मेहनत के बाद “गुरूजी के टोटके” 1500 शानदार तथा हर समस्या के लिये एक-से-एक लाजवाब टोटकों से युक्त यह पुस्तक छपकर तैयार थी।
अब इस पुस्तक को शानदार लुक मैं देना चाहता था। अनेक सुंदर जिल्दों में से लाल रंग की जिल्द पर गोल्डन कलर से पुस्तक का नाम लिखवाने के बाद तो जैसे इस पुस्तक को चार चांद लग गये हों। पुस्तक के बाजार मे उतारते ही भारी सफलता मिली। हाथों-हाथ 1000 पुस्तकें बिक गई, खूब ख्याति भी मिली, और उपयोगी ज्योतिषीय विषयों पर पुस्तकें लिखने की प्रेरणा भी मिली, आज 10 वर्ष के बाद ईश्वर कृपा से 10 अन्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, पाठकों से बहुत प्यार मिल रहा है। मेरी सभी ज्योतिष और उपाय की पुस्तकें www.shukracharya.com पर उपलब्ध हैं।

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